
What is World Environment Day, and why is it celebrated on 5 June?
5 जून को पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1972 में स्थापित किया था। इसका उद्देश्य वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए कार्यवाही को प्रोत्साहित करना है। पहली बार इसे 1974 में मनाया गया था और तब से यह एक महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन बन गया है।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना और उन्हें पर्यावरणीय गतिविधियों में शामिल करना है। हर साल एक अलग थीम होती है, जो विशेष रूप से एक पर्यावरणीय मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे कि प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संरक्षण आदि।संक्षेप में, 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक करना और समाधान की दिशा में कार्यवाही को प्रोत्साहित करना है।
वर्ष 2024 में विश्व पर्यावरण दिवस का थीम “भूमि पुनर्स्थापन और सूखा सहनशीलता” (Land Restoration for Drought Resilience) है। यह थीम भूमि के संरक्षण, मरुस्थलीकरण की रोकथाम, और सूखा सहनशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवसWorld Environment Day की मेजबानी सऊदी अरब द्वारा की जा रही है, जो भूमि पुनर्स्थापन के महत्व को रेखांकित करता है और सूखा तथा मरुस्थलीकरण जैसी चुनौतियों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करता है )।
भारत ने विश्व पर्यावरण दिवसWorld Environment Day की मेजबानी अब तक दो बार की है। पहली बार 2011 में और दूसरी बार 2018 में मेजबानी की थी। 2018 में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “Beat Plastic Pollution” थी, जिसके अंतर्गत प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता फैलाई गई थी।
15 जून मानसून एवं 5 जून पर्यावरण दिवस World Environment Dayका क्या संबंध है?
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और 15 जून के आसपास भारतीय मानसून की शुरुआत के बीच एक अप्रत्यक्ष संबंध है जो पर्यावरण और प्राकृतिक घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
पर्यावरण दिवस और मानसून का संबंध चरण बद्ध तरीके से समझतेहै –
- पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण
विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day का उद्देश्य पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाना और संरक्षण के उपायों को प्रोत्साहित करना है। मानसून, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है, पर्यावरण के प्रति जागरूकता का एक प्रमुख हिस्सा है। मानसून का समय हमारे प्राकृतिक संसाधनों के महत्व और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- जल संसाधनों का महत्व
मानसून के दौरान होने वाली भारी बारिश भारतीय कृषि और जल आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व पर्यावरणWorld Environment Day दिवस पर जल संरक्षण और प्रबंधन जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाई जाती है, जो मानसून के जल संसाधनों के महत्व को रेखांकित करता है।
- वृक्षारोपण और हरित अभियान
पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न वृक्षारोपण अभियान और हरित पहलें शुरू की जाती हैं। मानसून का समय वृक्षारोपण के लिए आदर्श होता है क्योंकि इस समय पौधों को पर्याप्त पानी मिलता है, जिससे उनका विकास सुनिश्चित होता है।
- पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान
मानसून के साथ-साथ बाढ़ और मिट्टी के कटाव जैसी पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी आती हैं। विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day पर इन समस्याओं के समाधान और टिकाऊ विकास पर जोर दिया जाता है।
निष्कर्ष:
पर्यावरण दिवस और मानसून दोनों ही पर्यावरण के प्रति हमारे दृष्टिकोण और संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करते हैं। हालांकि, ये दोनों घटनाएँ सीधे संबंधित नहीं हैं, लेकिन इनके पीछे का उद्देश्य और समय एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित करते हैं।
इस प्रकार, पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना दोनों घटनाओं को जोड़ता है, जिससे सतत विकास और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलता है।
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम world environment day theme
पिछले सभी वर्षों की थीम नीचे दी गई हैंThe themes of all the previous years are given below.
विश्व पर्यावरण दिवस 1974 का विषय – “एक्सपो 74 के दौरान केवल एक पृथ्वी”
1975 की थीम – मानव बस्तियाँ”
1976 की थीम – जल: जीवन के लिए महत्वपूर्ण संसाधन”
1977 की थीम – “ओजोन परत पर्यावरण चिंता; भूमि हानि और मृदा क्षरण”
1978 की थीम – “विनाश के बिना विकास”
1979 की थीम – “हमारे बच्चों के लिए केवल एक भविष्य”
1980 के लिए थीम – “नए दशक के लिए एक नई चुनौती: विनाश के बिना विकास”
1981 की थीम- “भूजल; मानव खाद्य श्रृंखलाओं में जहरीले रसायन”
1982 की थीम – स्टॉकहोम के दस साल बाद (पर्यावरणीय चिंताओं का नवीनीकरण)”
1983 की थीम – “खतरनाक अपशिष्ट का प्रबंधन और निपटान: अम्लीय वर्षा और ऊर्जा”
1884 की थीम – “मरुस्थलीकरण”
1985 की थीम – “युवा: जनसंख्या और पर्यावरण”
1986 की थीम – “शांति का वृक्ष”
1987 की थीम – “पर्यावरण और आश्रय: एक छत से भी अधिक”
1988 के लिए थीम – “जब लोग पर्यावरण को पहले रखेंगे, तो विकास कायम रहेगा”
विश्व पर्यावरण दिवस 1989 की विषय – “ग्लोबल वार्मिंग; वैश्विक चेतावनी”
1990 की थीम – “बच्चे और पर्यावरण”
1991 में पर्यावरण दिवस का विषय – “जलवायु परिवर्तन” था। वैश्विक भागीदारी की आवश्यकता”
1992 की थीम – “केवल एक पृथ्वी, देखभाल और साझा करें”
1993 की थीम – “गरीबी और पर्यावरण”
1994 की थीम – “एक पृथ्वी, एक परिवार”
1995 की थीम – “हम लोग: वैश्विक पर्यावरण के लिए एकजुट”
1996 कीथीम – “हमारी पृथ्वी, हमारा निवास स्थान, हमारा घर”
1997 की थीम – “पृथ्वी पर जीवन के लिए”
1998 की थीम – “हमारे समुद्रों को बचाने के नारे के साथ पृथ्वी पर जीवन के लिए”
1999 की थीम – “हमारी पृथ्वी – हमारा भविष्य”
2000 की थीम – “द एनवायरनमेंट मिलेनियम”
2001 की थीम- “जीवन के वर्ल्ड वाइड वेब से जुड़ें”
2002 की थीम- “पृथ्वी को एक मौका दें”
2003 की – “जल इस नारे के साथ कि दो अरब लोग इसके लिए मर रहे हैं”
2004 की थीम – “वांटेड! समुद्र और महासागर”
2005 की थीम – “हरित शहर”
2006 की थीम – “रेगिस्तान और मरुस्थलीकरण”
2007 की थीम – “पिघलती बर्फ – एक गर्म विषय”
2008 की थीम – “CO2, आदत को खत्म करें – कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर”
2009 की थीम – “आपके ग्रह को आपकी ज़रूरत है – जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एकजुट हों”
विश्व पर्यावरण दिवस 2010 का विषय – “कई प्रजातियाँ” एक ग्रह. एक भविष्य”
2011 की थीम – “वन: प्रकृति आपकी सेवाओं में”
2012 की थीम – “हरित अर्थव्यवस्था: क्या इसमें आप शामिल हैं”
2013 में थीम – “सोचो।” खाओ। बचाना।”
2014 में थीम – “छोटे द्वीप विकासशील राज्य” या “SIDS” और “अपनी आवाज़ उठाएँ, समुद्र स्तर नहीं”
2015 की थीम – “एक विश्व, एक पर्यावरण”
2016 में थीम – “वन्यजीवों में अवैध व्यापार के लिए शून्य सहिष्णुता”
2017 में थीम – “लोगों को प्रकृति से जोड़ना”
2018 में थीम – “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं”
2019 में थीम – “वायु प्रदूषण”
2020 में थीम – “प्रकृति के लिए समय”
2021 के लिए थीम – “पारिस्थितिकी तंत्र बहाली”
2022 में थीम – “केवल एक पृथ्वी”
2023 के लिए थीम – “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं”
2024 में थीम – “भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण, और सूखा लचीलापन”