TNS प्रभारी प्राचार्य बी डी कोष्टी की हठधर्मिता रवैया से बिगड़ी महाविद्यालय की कार्यप्रणाली-education system
मनमर्जी का मालिक है स्टाफ...education system
THE TOPLINE- सीताराम रजक – गोटेगांव – शासकीय ठाकुर निरंजन सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोटेगांव का मुख्य उच्च शिक्षा केंद्र का एक ही शिक्षण केंद्र है जिसमें गोटेगांव एवं ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं शासन के निर्देशानुसार सभी कर्मचारियों की उपस्थिति आधार इनेबल्ड बायोमैट्रिक मशीन से लगवाई जाना सुनिश्चित किया गया है परंतु प्राचार्य कोष्टी की हठधर्मिता इतनी अधिक है कि शासन के निर्देशों की अवहेलना की जा रही है। जनभागीदारी समिति के प्रस्तावित कार्य करने में उनके द्वारा अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है महाविद्यालय में सीसीटीवी कैमरे नहीं है शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है ग्रामीण विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं परन्तु क्लास नहीं लगाई जा रही है आलम यह है कि पूरा का पूरा स्टाफ अप डाउन कर रहा है जिसमें समस्त स्टाफ 12:00 बजे आता है और 2:00 बजे कॉलेज छोड़कर चला जाता है विद्यार्थी कक्षाओं हेतु इधर-उधर क्लासों के लिए निवेदन करते पढ़ते हैं परंतु कोई प्रोफेसर उपलब्ध नहीं हो पता है विगत कई शस्त्रों से छात्रवृत्ति का भुगतान भी नियमित तरीके से नहीं किया गया है । सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत दर्ज कराई गई परंतु उनका जवाब दे एक भी अधिकारी उपलब्ध नहीं है जन भागीदारी समिति अध्यक्ष से इस विषय को लेकर बात की गई तो उन्होंने भी कहा कि सभी स्टाफ अपनी मनमर्जी के मालिक हैं शासन के निर्देशों का इनके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता है शासन के आदेशों की अवहेलना शासन की कल्याणकारी योजनाओं को ठेंगा बताना इनकी आदत बन चुका है। education system
बंद हो प्रोफेसरों का अपडाउन-education system
आखिर क्यो की जा रही सीसीटीवी कैमरे से परहेज ...education system
वर्तमान समय में सीसीटीवी कैमरा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टिकोण से किसी भी शैक्षणिक संस्थान का एक अभिन्न हिस्सा हो चुके हैं शान द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने हेतु अतिरिक्त राशि प्रदाय की जा रही है परंतु महाविद्यालय में हजारों विद्यार्थी पढ़ रहे हैं युवा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति सतत बनी रहती है इसके बावजूद कॉलेज प्रबंधन द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने से परहेज किया जा रहा है परहेज करने का मूल कारण में महाविद्यालय खर्च या राशि से जुड़ा विषय नहीं है सत्य यह है कि महाविद्यालय स्टाफ अपनी अनियमित गैर हाजिरी अनियमित कक्षाएं एवं गैर जिम्मेदार आना हरकतों से बचने के लिए सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवाना चाहता है । प्राचार्य बी डी कोष्टी अपने दायित्व से पीछे क्यों हटते हैं जानकार बताते हैं कि महाविद्यालय से लाखों के बिल भी निकाल लिए गए हैं । जो कर केवल कागजों में खाना पूर्ति के लिए दर्शाता है। – education system
जनभागीदारी के कार्य शून्य -education system
महाविद्यालय में छात्रों के विकास के लिए शासन अहम भूमिका निभाती है उस महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति जनभागीदारी समिति में उपलब्ध फंड का उपयोग छात्रों के कल्याण हेतु विभिन्न मदों में खर्च करके किया जाता है स्थानीय शासकीय महाविद्यालय का हाल यह है कि प्रथम तो है तो यहां पर बैठक ही नहीं होती है और यदि बैठक होती भी है तो प्राचार्य कोष्टी पारित होने वाले प्रस्ताव के क्रियान्वयन में अड़ंगा लगाते हैं। जिस दिन जनभागीदारी समिति की बैठक आहूत की जानी होती है उस दिन प्रभारी प्राचार्य अनधिकृत अवकाश लेकर के बैठक का बहिष्कार कर देते हैं। आलम यह है कि यदि प्राचार्य को दबाव देकर बैठक में आने के लिए बुलाया जाता है तब की स्थिति में वह इस्तीफा सौंप देते हैं कि मैं इस्तीफा सौंप सकता हूं परंतु जनभागीदारी की बैठक को आहूत नहीं होने दूंगा। – education system
प्राचार्य की मनमानी से छात्रों का भविष्य अंधकार में -education system
स्थानीय जनप्रतिनिधि महाविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उक्त मामले में मौन साध कर बैठे हुए हैं प्राचार्य की मनमानी की वजह से हजारों छात्रों का भविष्य अंधकारमय में जा रहा है परंतु किसी के भी कान पर जूं नहीं रेंग रही है। समाचार पत्रों के माध्यम से यह अपील की जाती है कि सभी जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य कोष्टी के ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई प्रस्तावित करते हुए यहां से शासन को स्थानांतरित करें। एवं प्रचार कोष्टी के समय में लगाए हुए सभी बिलों की जांच की जाए। education system






