जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में संपन्न होगा महायज्ञ
हर वर्ष होता है महायज्ञ

THE TOPLINE – भगवान श्री आद्यशंकराचार्य की दीक्षा स्थली गोविंदनाथ वन गुरु गुफा सांकल घाट में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी विशाल यज्ञ का आयोजन अनंतश्री विभूषित ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती जी महाराज के पावन संकल्प से
पूज्य पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में संपन्न हो रहा है।

दिनांक ११ जनवरी २०२४ दिन गुरुवार से १५ जनवरी २०२४ तक शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होगा।
दिनांक ११ जनवरी २०२४ दिन गुरुवार से १५ जनवरी २०२४ तक शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होगा। जिस में श्रद्धालूओं को शंकराचार्य जी महराज के दर्शन एवं श्री मुख से धर्मोपदेश प्राप्त होगा । कार्यक्रम में ब्रह्मचारी श्री सुबुद्धानंद जी महाराज, ब्रह्मचारी श्री निजानंद जी, ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानंद जी,ब्रह्मचारी श्रीधारानन्द जी आदि उपस्थित रहेंगे।

विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा भजन आदि संपन्न होंगे।
कार्यक्रम में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा भजन आदि संपन्न होंगे। यज्ञ के आचार्य पंडित सनत कुमर जी उपाध्याय एवं ११ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा संपन्न होगा । अतः कार्यक्रम में उपस्थित होकर भगवान यज्ञ नारायण के दर्शन एवं परिक्रमा कर धर्म लाभ अर्जित करें।
आप सभी इष्टमित्र साहित सपरिवार आमंत्रित हैं ।
A huge yagya will be organized on Makar Sankranti at the initiation site of Adi Shankaracharya.
शतचंडी यज्ञ की महिमा
Glory of Shatchandi Yagya

क्या है शतचंडी यज्ञ की महिमा
What is the glory of Shatchandi Yagya?
मां ने महाकाली के रूप में राक्षसों का संहार किया, जिसका वर्णन मार्कंडेय पुराण में श्री दुर्गा सप्तशती नामक गंथ में वर्णित है। श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ को 108 बार करने को शतचंडीपाठ महायज्ञ कहा जाता है, पाठ को 1000 बार करने को सहस्रचंडी महायज्ञ कहा जाता है और पाठ को एक लाख बार करने पर लक्ष्यचंडी महायज्ञ कहा जाता है…(What is the glory of Shatchandi Yagya?)

मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। दुर्गा जी को प्रसन्न करने के लिए जिस यज्ञ विधि को पूर्ण किया जाता है, उसे शतचंडी यज्ञ बोला जाता है। नवचंडी यज्ञ को सनातन धर्म में बेहद शक्तिशाली वर्णित किया गया है। इस यज्ञ से बिगड़े हुए ग्रहों की स्थिति को सही किया जा सकता है और सौभाग्य इस विधि के बाद आपका साथ देने लगता है। इस यज्ञ के बाद मनुष्य खुद को एक आनंदित वातावरण में महसूस कर सकता है। वेदों में इसकी महिमा के बारे में यहां तक कहा गया है कि शतचंडी यज्ञ के बाद आपके दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं।

शतचंडी यज्ञ से क्या होगा
इस यज्ञ को गणेशजी, भगवान शिव,नवग्रह और नव दुर्गा (देवी) को समर्पित करने से मनुष्य जीवन धन्य होता है। यज्ञ विद्वान ब्राह्मण द्वारा किया जाता है, क्योंकि इसमें 700 श्लोकों का पाठ किया जाता है, जो एक निपुण ब्राह्मण ही कर सकता है। नव चंडी यज्ञ एक असाधारण,बेहद शक्तिशाली और बड़ा यज्ञ है, जिससे देवी मां की अपार कृपा होती है। सनातन इतिहास में कई जगह ऐसा आता है कि पुराने समय में देवता और राक्षस लोग इस यज्ञ का प्रयोग ताकत और ऊर्जावान होने के लिए निरंतर प्रयोग करते थे।
Benefits of Shatchandi Mahayagya
शतचंडी महायज्ञ से लाभ

यह मनुष्य के जीवन में विशेष परिस्थिति में जैसे शत्रु पर विजय, मनोवांछित नौकरी की प्राप्ति, नौकरी में प्रमोशन, व्यापार में वृद्धि, परिवार में कलह क्लेश से मुक्ति एवं विभिन्न प्रकार की परेशानियों से मुक्ति आदि पाने के लिए कराया जाता है। शतचंडी पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां दुर्गा की विशेष कृपा सदैव भक्तों पर बनी रहती है। इस पाठ को करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।