12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस म.प्र.ज.अ.प. नरसिंहपुर ने मनाई विवेकानंद जयंती National Youth Day

MPJAP YUVA DIVAS
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स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी"राष्ट्रीय युवा दिवस" पर व्याख्यान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। National Youth Day

The Topline  गनेश प्रजापति, नरसिंहपुर । मध्यप्रदेश प्रदेश जनअभियान परिषद के तत्वाधान में स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती “राष्ट्रीय युवा दिवस” 12 जनवरी 2024 को जिलास्तरीय व्याख्यानमाला कार्यक्रम उड़ान निःशुल्क डाइट सभागार नरसिंहपुर में पूज्य महंत बालकदास ,श्री देवराम जानकी ख़िरका मंदिर गाडरवारा व प्रान्त संयोजन विश्वहिंदू परिषद साधुमण्डल महाकोशल प्रान्त के मुख्यातिथ्य, नीरज दुबे अध्यक्ष नगरपालिका परिषद नरसिंहपुर एवं प्रशांत चौबे जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नरसिंहपुर जो कि व्याख्यानमाला के मुख्यवक्ता की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
  व्याख्यानमाला कार्यक्रम का शुभारंभ सनातन संस्कृति के संवाहक युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्जवलन से किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना व अतिथियों का स्वागत उद्बोधन परिषद के जिला समन्वयक जयनारायण शर्मा ने किया।
स्वामी विवेकानंद जी का पूरा जीवन सनातन संस्कृति एवं भारत वर्ष के लिए समर्पित रहा है -महंत बालकदास
 व्याख्यानमाला कार्यक्रम में पूज्य महंत बालकदास  ने अपने वक्तव्य में बताया कि स्वामी विवेकानंद जी का  पूरा जीवन सनातन संस्कृति एवं भारत वर्ष के लिए समर्पित रहा है उन्होंने विश्व बंधुत्व का शंखनाद सम्पूर्ण दुनिया के समक्ष प्रभावी रूप से रखा है जो हम सबके लिए गौरव की बात है। स्वामी जी युवाओं के प्रेरणास्रोत है उनके जीवन व विचारों से अनुप्राणित होकर राष्ट्र कार्य में युवा अपना अमूल्य समय व श्रम प्रदान कर रहे हैं आज धारा अविरल बह रही है।
स्वामी जी युवाओं के प्रेरणा स्रोत है - प्रशांत चौबे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला प्रचारक

 प्रशांत चौबे जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नरसिंहपुर ने अपने व्याख्यान में स्वामी विवेकानंद जी के बचपन में उनके अनुकरणीय कार्यों के बारे प्रकाश डालते हुए बताया की नरेंद्र नाथ दत्त बचपन की जो घटनाएं थी वह सामान्य घटनाएं नही थी, उनके घर पर कोई जरूरतमंद भिक्छु आता तो वह उसके जरूरत योग्य वस्तु उसे दान कर देते थे। बचपन से ही दूसरों के प्रति संवेदना रखने वाला स्वभाव था स्वामी जी का, उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें मां काली से उनके आग्रह पर साक्षात्कार कराया जिसमे स्वामी विवेकानंद ने अपने परिवार के कष्टों के बारे मां काली से बात करने का सोच कर दो बार गए परंतु जब मां काली से साक्षात्कार हुआ तो वह भारत राष्ट्र के विषय में ही बात कर पाए बाकी सब कुछ भूल जाते थे।तब स्वामी जी को यह आभास हो गया कि वह किसी विशेष कार्य के लिए जन्मे हैं इस समय से नरेंद्र नाथ दत्त ने केसरिया बस्त्रों को धारण कर लिया।

स्वामी जी अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित थे - नीरज दुबे अध्यक्ष नगरपालिका परिषद नरसिंहपुर

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 नीरज दुबे अध्यक्ष नगरपालिका परिषद नरसिंहपुर ने अपने व्याख्यान में स्वामी विवेकानंद जी के शिकागो यात्रा के विषय में जानकारी दी युवाओं को स्वामी जी के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। विवेकानंद जी ने अल्पायु में ही परतंत्र भारत की पहचान  शिकागो सम्मेलन में विश्व के समक्ष रखी, विवेकानंद जी को तीन मिनिट का समय दिया गया था परंतु जब स्वामी जी ने अपने भाषण के प्रारंभ में कहा “मय डियर सिस्टर एण्ड ब्रदर” मेरे प्यारे भाइयों और बहनों यह सुनकर पूरे सदन के पूरे तीन मिनिट तक ताली बजाई इसके बाद स्वामी ने अपना उद्धबोधन दिया जिसे सुनकर सदन में बैठे सभी देशों के प्रतिनिधि धर्माचार्य मंत्रमुक्त हो गए। नीरज दुबे ने स्वामी जी के जीवन की हर एक  घटनाओं से युवाओं को सीख प्राप्त करनी चाहिए जिस प्रकार स्वामी जी अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित थे उसी प्रकार युवाओं की सोच को बदलने की बात कही।
स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती जिला स्तरीय व्याख्यानमाला कार्यक्रम में नरसिंहपुर जिले के सभी विकासखंड के समन्वयक, सीएमसीएलडीपी परामर्शदाता छात्र- छात्रा, नवांकुर संस्था एवं प्रस्फुटन समितियों के सदस्यों सहित उड़ान डाइट के छात्र छात्राओ की उपस्थिति रही।

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