शारदीय नवरात्रि पर अद्भुत भक्ति संगम
The Topline/ दीपक रजक: शक्ति की उपासना और आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि आज से आरंभ हो गया है और इसी पावन अवसर पर सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति, ग्राम गुंदरई ने पूरे क्षेत्र के लिए अद्भुत और भव्य आयोजन का स्वरूप रचा है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह महोत्सव इस बार अपने 59वें सोपान पर पहुँचा है। समिति के अनुसार, इस वर्ष का आयोजन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि यहाँ माता महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी, दस महाविद्याएं और षोडश (16) मातृकाओं सहित कुल 35 दिव्य प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही है। इन दिव्य रूपों की आराधना से श्रद्धालु जीवन के कष्टों से मुक्ति, आत्मबल, धन-समृद्धि और आध्यात्मिक सिद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। दस महाविद्याओं—काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला—की पूजा से विशेष रूप से शत्रु निवारण, भय से मुक्ति, ज्ञान की प्राप्ति, कला में प्रवीणता और लक्ष्मी कृपा जैसे अद्भुत फल प्राप्त होते हैं। गुंदरई की इस भूमि पर इतनी सारी दिव्य शक्तियों का एक साथ पूजन, साधना और दर्शन भक्तों के लिए विरले अवसर के समान है।
महोत्सव का संपूर्ण कार्यक्रम (महाकाली महाविद्या समागम)
महाकाली महाविद्या समागम महोत्सव की समय-सारिणी भी भक्तों को पूरे नवरात्रि काल में आध्यात्मिक आनंद से भरने वाली है। 22 सितंबर 2025 को माता रानी की स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र का शुभारंभ होगा, जिसके बाद 26 सितंबर को पंचमी से संगीतमय महा आरती प्रारंभ होगी। शनिवार, 27 सितंबर 2025 तुलसी मानस मंडल, करेली – रामचरितमानस गायन एवं भजन संध्या – स्थानीय एवं आमंत्रित कलाकारों द्वारा भक्ति रस से भरपूर भजनों की प्रस्तुति। l 1 अक्टूबर को दशहरा पर्व के अवसर पर ओपन डांडिया–गरबा नृत्य का आयोजन किया जाएगा, जबकि 3 अक्टूबर को कन्या भोज और महा भंडारा का भव्य प्रसाद वितरण होगा। इसके बाद 4 अक्टूबर की रात भावपूर्ण देवी जागरण का आयोजन होगा, जहाँ भक्त पूरी रात भक्ति संगीत और कीर्तन में माता का गुणगान करेंगे। महोत्सव का समापन 6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा के दिन होगा, जब माता रानी का भव्य जुलूस निकाला जाएगा और विधिवत विसर्जन किया जाएगा। महाकाली महाविद्या समागम दौरान पूरे क्षेत्र में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी और गाँव का वातावरण मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़ों और जयकारों से गूंजेगा। आयोजन समिति ने बताया कि भक्तों के लिए यह अवसर केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बनेगा क्योंकि यहाँ दूर-दूर से आने वाले लोग एक साथ भोजन, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागी बनेंगे।
प्रयागराज त्रिवेणी संगम की दिव्य झांकी
गुंदरई मैं आयोजित महाकाली महाविद्या समागम महोत्सव के मुख्य आकर्षणों में प्रयागराज त्रिवेणी संगम की दिव्य झांकी और लेटे हुए हनुमान जी की विशाल प्रतिमा प्रमुख हैं। प्रयागराज संगम की झांकी में गंगा, यमुना और सरस्वती के अद्भुत संगम को कलात्मक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका दर्शन करना भक्तों के लिए अलौकिक अनुभव होगा। वहीं लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा भक्तों को अनंत शक्ति और साहस का संदेश देगी और माना जाता है कि इसके दर्शन मात्र से अद्भुत पुण्य लाभ प्राप्त होता है। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे इस अवसर पर तन, मन और धन से सहभागी बनें और धर्मलाभ अर्जित करें। माता के भक्तजन मूर्ति दान के माध्यम से भी अपनी आस्था प्रकट कर सकते हैं, शारदीय नवरात्रि के पूरे पंद्रह दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में गाँव के साथ-साथ आसपास के जिलों और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे गुंदरई का वातावरण भक्ति और उत्साह से सराबोर रहेगा।
गुंदरई पहुँच मार्ग – विस्तृत जानकारी
ग्राम गुंदरई, जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) की गोटेगांव तहसील में स्थित है। यहाँ प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि पर शक्ति की उपासना और आराधनाके अद्भुत दर्शन हेतु देशभर से श्रद्धालु आते हैं। भक्तजन अपनी सुविधा अनुसार सड़क मार्ग और रेल मार्ग से यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। नीचे यात्रा का पूरा विवरण व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत है:
सड़क मार्ग (By Road)
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मुख्य हाईवे: गुंदरई स्टेट हाईवे 22 पर स्थित है।
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नरसिंहपुर से दूरी: लगभग 22 किलोमीटर (जबलपुर की ओर जाते हुए)।
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गोटेगांव से दूरी: लगभग 13 किलोमीटर (नरसिंहपुर दिशा में)।
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सुविधा: निजी वाहन, टैक्सी और स्थानीय बसें नियमित रूप से उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग (By Train)
ग्राम गुंदरई के निकट कई रेलवे स्टेशन हैं। इन स्टेशनों तक पहुँचकर श्रद्धालु आसानी से सड़क मार्ग से गुंदरई जा सकते हैं।
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श्रीधाम रेलवे स्टेशन – निकटतम स्टेशन।
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करेकरबेल (Karakbel) स्टेशन – सुविधाजनक कनेक्टिविटी।
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नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन – मुख्य जंक्शन, जहाँ से सड़क परिवहन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
रेलवे स्टेशन से गुंदरई के लिए टैक्सी, ऑटो या बस की सुविधा आसानी से मिलती है।
यात्रा सुझाव
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जबलपुर, नरसिंहपुर या गोटेगांव से आने वाले श्रद्धालु स्टेट हाईवे 22 का उपयोग करें।
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निजी वाहन या टैक्सी से यात्रा सबसे सुविधाजनक मानी जाती है, विशेषकर नवरात्रि के दौरान जब भीड़ अधिक होती है।
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नवरात्रि महोत्सव के समय समिति की ओर से दिशा-सूचक बोर्ड और स्वयंसेवक भी मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध रहते हैं।
संक्षेप में:
गुंदरई तक पहुँचना अत्यंत सरल है। चाहे आप ट्रेन से आएं या सड़क मार्ग से, नरसिंहपुर–गोटेगांव स्टेट हाईवे 22 के माध्यम से कुछ ही समय में 10 महाविद्याओं और षोडश मातृकाओं के इस अद्भुत दर्शन स्थल तक पहुँचा जा सकता है।





