अवैध कब्जे पर प्रशासन की निष्क्रियता पर हाईकोर्ट सख्त, दो सप्ताह में कार्रवाई के आदेश.jabalpur high court Case

द टॉपलाइन न्यूज़ – विशेष संवाददाता(मध्य प्रदेश) नरसिंहपुर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले में प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्य न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने ग्राम बसनपानी, तहसील गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर के खसरा नंबर 51, 57 और 61 पर हुए अवैध कब्जे के संबंध में दायर जनहित याचिका (मोहन विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता बृजेंद्र स्वरूप साहू, कृष्णशरण कौरव, और रविकांत शुक्ला ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि उक्त भूमि सरकारी चरनोई भूमि है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते इस पर अवैध कब्जा हो गया है। याचिकाकर्ताओं ने 24 सितंबर 2024 को जिलाधीश नरसिंहपुर को इस मामले में आवेदन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत का आदेश:
अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए नरसिंहपुर के जिलाधीश को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर दो सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। जांच में यदि अवैध कब्जा पाया जाता है, तो इसे तुरंत हटाने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती या गलत कदम उठाए जाते हैं, तो याचिकाकर्ता पुनः न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
प्रभाव और संदेश:
उच्च न्यायालय के इस आदेश से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी और सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ एक सख्त संदेश गया है। यह न केवल सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि किसानों और स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की भी रक्षा करेगा। इस आदेश से प्रशासनिक तंत्र पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का दबाव बढ़ेगा। jabalpur high court Case
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